मैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का ऋणी हूँ। जिन्होंने रघुकूल मर्यादा के अनुरूप राजमहल छोड़कर जंगल गये व समाज के वंचित उस वानर, भालू वीरो के साथ लेकर महाबलशाली रावण का सर्वनाश किये। दलित के झूठे बैर खाकर समाज को वो सन्देश दिये जिसका अमल आज तक नही हो सका। हम सिर्फ राम का अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए उपयोग करते है मगर उनके कार्य व संदेश को अनुशरण नहीं करते है। जो हमारे सनातन धर्म के लिए अच्छा संकेत नहीं है। अगर राम परशुराम बन गये तो फिर.............
जय श्री सीता राम
भारतीय सनातन धर्म की जय हो!
भारतीय सनातन धर्म की जय हो!
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