गुरुवार, 28 जुलाई 2022

महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर आचार्य श्री अरुण कुमार पाण्डेय के सानिध्य में शिव रुद्राभिषेक पूजा में हुआ शामिल - रंजीत राज

भोजपुर: जगदीशपुर स्थित छठिया पोखरा के समीप शिव मंदिर में आचार्य श्री अरुण कुमार पाण्डेय के सानिध्य में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक पूजा किया गया। बतादें कि शिवपुराण के रुद्र संहिता में सावन मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव हर मनोकमना पूरी करते हैं। साथ ही इससे ग्रह जनित दोष और रोगों से भी मुक्ति मिलती है। सनातन धर्म में यह सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली पूजा मानी जाती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान शिव के रुद्र रूप का अभिषेक करना। सावन में शिवलिंग पर रुद्र मंत्रों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक
किया जाता है। वर्तमान समय में अभिषेक रुद्राभिषेक के रूप में ही विश्रुत है। भगवान शिव के कई अभिषेक होते हैं लेकिन रुद्राभिषेक का अपना अलग स्थान है। यह श्रेष्ठ ब्रह्मणों द्वारा करवाया जाता है। अपनी जटाओं में पतित पावनी मां गंगा को धारण करने वाले शिव को रुद्राभिषेक की जलधारा विशेष प्रिय है। पुराणों के अनुसार, सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् सभी देवताओं की
आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा में हैं। जैसा की मंत्र से साफ है कि रूद्र ही सर्वशक्तिमान हैं। वहीं रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: अर्थात रुद्र रूप में प्रतिष्ठित शिव हमारे सभी दु:खों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार, शिव ही रुद्र हैं और रुद्र ही शिव हैं। इस रुद्राभिषेक पूजन में मेरे साथ कुमार मुकेश सिंह, अनुराग राठौर, अमित सिंह उज्जैन, अविनाश कुमार विपुल, राजीव रंजन, देवराज सिंह सहित अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित थे।
                                    
                                 हर हर महादेव

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