गुरुवार, 17 मई 2018

मापी पुस्तिका के प्रभारी स्वर्गीय देवलाल राम पर प्राथमिकी दर्ज - रंजीत राज




मृत व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज कर मानवता को किया गया शर्मसार - रंजीत राज

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#बिहार

नगर पंचायत जगदीशपुर, भोजपुर के वार्ड संख्या - 06 में योजना संख्या 37/2013-14 झाझरिया पोखरा से दुर्गा मंदिर होते हुए बांके साह के घर तक नाला निर्माण योजना में की गई अनियमिता से संबंधित जाँच उप विकास आयुक्त भोजपुर के अध्यक्षता में की गई। जिसमें उक्त योजना का मापी पुस्तिका नगर पंचायत कार्यालय से गायब पाई गई। मापी पुस्तिका के संबंध में नगर पंचायत कर्मी द्वारा जाँच दल को भी गुमराह किया गया। जाँच दल द्वारा इस संबंध में बहुत सारी गलतियां पकड़ी गई, पूर्व में भी इस नाला निर्माण योजना की जाँच में
वार्ड संख्या 6 स्थित मुख्य सड़क नाला, (डी० एम० रोड़) के अनियमितता पर हुई कारवाई।

तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी श्री अनुभूति श्रीवास्तव सहित अन्य पर मेरे शिकायत आवेदन पत्र पर "प्रपत्र क'' गठित हो चुकी है। जाँच के दौरान प्रथम दृष्टया योजना में गड़बड़ी प्रमाणित होने पर मापी पुस्तिका के प्रभारी पर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही विभागीय कार्यवाही करने का आदेश जिला पदाधिकारी महोदय, भोजपुर के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी श्री विजय नारायण पाठक नगर पंचायत जगदीशपुर को दी गई थी। कनीय अभियंता श्री रामसकल गुप्ता एवं सहायक अभियंता मोहम्मद जाकिर हुसैन के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने का आदेश दिया गया था। जिसके आलोक में जगदीशपुर थाना में जगदीशपुर कांड संख्या - 144/2018 भारतीय दंड संहिता की धारा 420/409 के तहत दर्ज की गई है। इस संबंध में गौर करने वाली मुख्य तथ्य यह है कि कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत जगदीशपुर के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं कराके नगर पंचायत के सहायक कोषपाल सुरेश प्रसाद द्वारा दर्ज कराई गई है। दूसरी बात यह है कि मृत व्यक्ति के ऊपर किस कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह तो कोई कानून का जानकार ही बता सकता है। नगर पंचायत जगदीशपुर में भ्रष्टाचार का राज कायम है। कर्मचारी, अभियंता, कर्मी ही ठेकेदार बन जाते है। कार्यपालक पदाधिकारी अपने दायित्व से मुंह मोड़ कर भ्रष्टाचार में सहायक बने रहते है। इनकी नियत सिर्फ घोटाला करना है। किसी भी मुद्दे पर एक दूसरे के ऊपर दोषारोपण करते रहते है। कार्यालय कार्य का कभी भी समीक्षा नहीं करते है। विभागीय आदेश एवं नगरपालिका अधिनियम के विरुद्ध जाकर कार्य करना इनकी जीवन-शैली बन चुकी है। जिसमें आऐ दिन नगर पंचायत में तरह-तरह के घोटाला एवं गड़बड़ियों की मामला उजागर होता रहता है। इस संबंध में पीठासीन पदाधिकारी -सह- मुख्य पार्षद, नगर पंचायत जगदीशपुर भी चुप्पी साधकर मलाई खाते रहते हैं। इन भ्रष्टाचारियों पर कभी भी बोर्ड बैठक में चर्चा नहीं करते हैं। सिर्फ एक ही योजना को बार-बार प्रस्ताव में लेकर घोटाला का जन्मदाता बने हुए हैं। नगर पंचायत जगदीशपुर के कुकृत्यों का सजा मृत व्यक्तियों को भुगतने पड़ रही है जो बहुत दुःखदाई स्थिति है।



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