बुधवार, 4 अप्रैल 2018

भ्रष्टाचार को मौलिक अधिकार घोषित कर देनी चाहिए ! - रंजीत राज



भ्रष्टाचार को  मौलिक अधिकार घोषित कर देनी चाहिए ! - रंजीत राज
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भोजपुर, (बिहार) -
नगर पंचायत जगदीशपुर भोजपुर को पथ- नाला योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2017-2018 में विशेष सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार सरकार के विभिन्न विभागीय पत्रों के द्वारा कुल 3,33,75,656 रुपयें की राशि प्राप्त हुई है। पत्र में स्पष्ट वर्णन है कि योजनाओं का कार्यन्वयन ई० टेन्डरिंग से कराना है। लेकिन सरकार के आदेश को ताक पर रख कार्यपालक पदाधिकारी एवं मुख्य पार्षद सह पीठासीन पदाधिकारी, नगर पंचायत जगदीशपुर, भोजपुर द्वारा मार्च लूट नियत से विभागीय कार्य 3-4 इंच P.c.c घटियापूर्ण कराके लूट-खसोट की जा रही है। नगर पंचायत में कोई भी कार्य
कानून सम्मत एवं नगरपालिका अधिनियम 2007 के तहत नहीं कराके अपने मनमर्जी द्वारा कराया जाता है। जो बिहार के ''सुशासन सरकार" की मुँह पर नगर पंचायत की ''भ्रष्टाचार" का करारा तमाचा है। शिकायत करने के बावजूद भी किसी भी तरह की कारवाई नहीं हो रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि क़ानून सिर्फ गरीब, असहाय, कमजोर के लिए ही बनाए जाते है एवं क़ानून भ्रष्टाचारीयों के सामने गिरवी पड़ी हुई है। नगर पंचायत आम नागरिक से टैक्स की राशि सरकार के आदेशानुसार निर्धारण कर ब्याज सहित वसूल करती है परन्तु खुद ही किसी भी सरकारी आदेश को नहीं मानती है। नगर पंचायत जगदीशपुर प्रशासन ने भ्रष्टाचार एवं क़ानून का उल्लंघन करने का अप्रत्यक्ष रूप से मौलिक अधिकार घोषित कर लिया है। इन सब तथ्यों के आधार पर सरकार को चाहिये कि भ्रष्टाचार को मौलिक अधिकार घोषित कर दे ! जिससे आम एवं खास अपने मनमर्जी एवं क्षमता के अनुसार देश को लूट सकें।
https://youtu.be/lpVvE6fi9hA

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