अनुमंडलाधिकारी, जगदीशपुर - कुमार पंकज |
अनुमंडल पदाधिकारी, जगदीशपुर के तबादला से भ्रष्टाचारियों में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ आम जनमानस दुःखी भी है। - रंजीत राज
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जगदीशपुर,भोजपुर के युवा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, व्यवहार कुशल, विद्वान अनुमंडल पदाधिकारी कुमार पंकज के तबादला से नगर पंचायत जगदीशपुर भ्रष्टाचारियों सहित अन्य भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वालों एवं लकीर के फकीर करने वालों में खुशी का माहौल है। युवा पदाधिकारी ने अपने फर्ज के प्रति वफादार रहते हुए बहुत ही कम समय में अनुमंडल क्षेत्र के अधीन कानून के प्रति आस्था रखने वालों में गहरी पैठ बना ली थी। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह के 160वीं विजयोत्सव समारोह का अविस्मरणीय कार्यक्रम का सफल समापन होना कुमार पंकज की बौद्धिक एवं कुशल प्रशासनिक क्षमता समस्त जनमानस
को मार्गदर्शित एवं गौरवान्वित करता है। माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार जहाँ युवा पदाधिकारी को जिला एवं अनुमंडल में शीर्ष पदों पर पद स्थापित करने के लिए सेमिनार में देश एवं समाज को अपनी युवक ऊर्जा से प्रगति के पथ ले जाने के लिए उत्साहित करते, वहीं दूसरी तरफ ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ युवा पदाधिकारी को कार्य करने से वंचित भी किया जा रहा है जो किसी भी परिस्थिति में सही नहीं है। आम जनमानस के प्रति वफादार रहने वाले अनुमंडल पदाधिकारी कुमार पंकज का तबादला जगदीशपुर के हित में हानिकारक है इनके तबादला से भ्रष्टाचारियों में खुशी का माहौल है वहीं दूसरी तरफ आम जनमानस दुखी भी है। बिहार सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति एवं दूसरी तरफ अनुमंडल पदाधिकारी का तबादला सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा करता है की सभा व मंचों से बड़े-बड़े वाक्य करने से भ्रष्टाचार
मुक्त नहीं होगी भ्रष्टाचार के खात्मा हेतु कुमार पंकज जैसे भ्रष्टाचार की सर्जरी करने वाले अधिकारी की भी जरूरत है। तभी भ्रष्टाचार सचमुच समाप्त होगी। मानव रूप में शरीर धारण करने से कुछ नहीं होता है शरीर तो मिलता ही रहता है लेकिन मिलने के बाद ऐसा कर दिया जाए कि लोग जाने के बाद भी हमें याद रखें ऐसे अनुमंडल पदाधिकारी कुमार पंकज जो है एक अभिव्यक्ति, एक प्रेरणा है। सत्ता के शीर्ष पर बैठने वाले की जिम्मेदारी है कि जो देश एवं समाज के प्रति वफादार हो उसके प्रति ऐसा रवैया जनहित के प्रति आत्मघाती होगा। राजनेताओं के द्वारा भारत की किसी भी महापुरुषों को स्मरण करके कर्तव्य की इतिश्री कर लेना रिवाज बन गया है। महापुरुषों के विचार पढ़ना और उन्हें दोहराना हमारी परंपरा का हिस्सा है लेकिन जब उन्हें आत्मसात करने की बारी आती है तो हम इस मोर्चे पर मात खा जाते हैं। हम उन विचारों एवं आदर्शों को सभागार एवं मंच पर ही छोड़ आते हैं और फिर अपनी निजी शूद्र स्वार्थ पूर्ति हेतु देश के प्रति गद्दारी करने में लग जाते हैं। जिस भारत माता की हम जयकार लगाते हैं उसी भारत माता के रोज चीरहरण करने में लगे रहते हैं समस्याओं की जड़ में जाने के बजाए हमारे राजनेता एक दूसरे पर दोषारोपण कर देश के प्रति अपने फर्ज का निर्वाहन समझ इतिश्री कर लेते हैं। बिहार सरकार आखिर कब तक बिहार की बर्बादी के लिए लालू प्रसाद एवं उनके परिवार एवं पार्टी को दोषी ठहराते रहेगी। बिहार के बर्बादी के लिए नगर पंचायत जगदीशपुर लालू प्रसाद से कहीं अधिक जिम्मेवार है जिसने सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया है अपने निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु सुशासन की सरकार कब कारवाई करेगी नगर पंचायत के भ्रष्टाचारियों पर ?
मेरी कलम से....
रंजीत राज
पार्षद, 06
नगर पंचायत, जगदीशपुर
भोजपुर, बिहार।
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